आई तुझा आशीर्वाद

आप लोग भी सोच रहे होगे कि ये मेरे को क्या हो गया, अचानक ही मै मराठी मे क्यों बोलने लगा। अरे भाई मौका मराठी मे बोलने का ही है ना। क्योंकि आज ही हमारे इलेक्ट्रानिक मीडिया के मित्रों को एक नही, दो नही, बल्कि तीन तीन पद्यश्री सम्मानों से नवाजा गया है। सीएनएन आईबीएन के राजदीप सरदेसाई, एनडीटीवी की बरखा दत्त और एनडीटीवी के ही (एडवाइजर) विनोद दुआ को पद्यश्री सम्मान से नवाजा जाएगा।

   

 

rajdeep

राजदीप सरदेसाई किसी परिचय के मोहताज नही, भारत मे जो भी न्यूज टेलीविजन देखता है वो राजदीप से जरुर परिचित होगा। 25 मई, 1965 को अहमदाबाद, गुजरात में जन्मे राजदीप सरदेसाई, मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी दिलीप सरदेसाई और नंदिनी सरदेसाई के साहबजादे है। मुम्बई मे प्रारम्भिक पढाई करने वाले राजदीप ने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से वकालत की डिग्री हासिल की है। 1994 मे टेलीविजन पत्रकारिता से जुड़े राजदीप, एनडीटीवी के पालिटिकल एडीटर रह चुके है। इनके लोकप्रिय कार्यक्रमों मे बिग फाइट सबसे सफ़ल कार्यक्रम रहा। गुजरात दंगो के समय राजदीप सरदेसाई ने लाइव रिपोर्टिंग की थी और तत्कालीन मोदी सरकार के बैंड बाजे बजाने मे कोई कसर नही छोड़ रखी थी। उस समय, राजदीप ही एक चेहरा था, जिस पर लोग खबरों के लिए विश्वास करते थे, उनके तर्कों के आगे अच्छे से अच्छा राजनीतिज नही टिक पाता। कुछ समय पहले, राजदीप ने एनडीटीवी छोड़कर अपनी कम्पनी बनायी और सीएनएन आईबीएन के नाम से दो चैनल शुरु किए जो काफी सफ़ल रहे है। राजदीप राजनीतिक विषयों पर कार्यक्रमों के विशेषज्ञ है, ये जितनी अच्छी अंग्रेजी बोलते है, उतनी ही धाराप्रवाह हिन्दी/उर्दू भी बोलते है। राजदीप सरदेसाई का अपना ब्लॉग भी है, जहाँ आप उनसे मुखातिब हो सकते है।

BarkhaDutt विश्वसनीयता की बात हो तो आप बरखा दत्त को कैसे भूल सकते है। बरखा दत्त टीवी जर्नलिस्म की दुनिया मे सबसे मशहूर महिला है। इन्होने टीवी जर्नलिस्म को नए आयाम दिए है। रिपोर्टिंग कश्मीर की हो, सूनामी आपदा, भूकम्प पीडितो की कवरेज हो या गुजरात के दंगो की, अफ़गानिस्तान के युद्द क्षेत्र में जाना हो, श्रीलंका मे लिट्टे की रिपोर्टिंग हो या कारगिल युद्द,  बरखा  निर्भीक पत्रकारिता में नित नए आयाम जोड़ती रही। 18 दिसम्बर, 1971 मे जन्मी बरखा दत्त जर्नलिस्म मे अपनी मां को प्रेरणा स्त्रोत मानती है।दिल्ली मे प्रारम्भिक पढाई करने वाली बरखा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मास मीडिया मे डिग्री और बाद मे कोलम्बिया यूनीवर्सिटी से जर्नलिस्म मे मास्टर्स डिग्री भी हासिल की। विभिन्न देशी विदेशी पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजी गयी बरखा दत्ता किसी भी परिचय की मोहताज नही है। एनडीटीवी से जुड़ी बरखा द्वारा की गयी कारगिल युद्द की रिपोर्टिंग ने इनको घर घर तक पहुँचाया, किसी भी महिला द्वारा युद्द क्षेत्र मे की गयी रिपोर्टिंग का यह एक जबरदस्त उदाहरण था। आज भी बरखा दत्त हर महिला टीवी पत्रकार की प्रेरणा स्त्रोत है। इनकी लोकप्रियता का आलम ये है कि फिल्म लक्ष्य(2004) में प्रीति जिंटा द्वारा टीवी पत्रकार की निभायी गयी भूमिका इन्ही पर आधारित थी।  इनका सबसे मशहूर कार्यक्रम वी द पीपल है। बरखा का अपना कोई ब्लॉग तो नही है, लेकिन इनके चाहने वाले एक शख्स ने इनके लिए एक ब्लॉग जरुर बनाया है। उम्मीद है बरखा जल्द ही अपना ब्लॉग बनाएंगी।

 

vinoddua

विनोद दुआ, टीवी की जानी मानी शख्सियत है। मेरे को याद है मैने सबसे पुराना कार्यक्रम विनोद दुआ का ही देखा था, रविवार दोपहर लगभग १२ बजे विनोद दुआ का घूमता आईना (नाम ठीक से याद नही) आया करता था। इस कार्यक्रम मे विनोद दुआ हमारे आसपास की दुनिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते थे। राजनीतिक विषयों पर इनकी समझ और धाराप्रवाह हिन्दी/उर्दू किसी भी टीवी पत्रकार के लिए प्रेरणा स्त्रोत हो सकती है।11 मार्च, 1954 मे जन्मे विनोद दुआ ने हंसराज कालेज, दिल्ली  से डिग्री प्राप्त की है। विभिन्न चैनलों से जुड़े रहे विनोद दुआ, आजकल एनडीटीवी से सलाहकार की हैसियत से जुड़े हुए है। चुनावों का विश्लेषण करना हो या फिर किसी नेता की राजनीतिक यात्रा, विनोद दुआ का इनमे कोई सानी नही।एनडीवी पर इनके कार्यक्रम खबरदार और  जायका इंडिया का काफी मशहूर हो रहे है। छोटी कद काठी लेकिन ऊंचे मजबूत इरादों वाले विनोद दुआ, राजनीतिक साक्षात्कार  में भी जबरदस्त महारत रखते है। मीठी भाषा लेकिन तीखे सवालों के साथ ये किसी भी राजनेता/अफ़सरों को मुसीबत में डाल सकने की क्षमता रखते है। लेकिन मेरे विचार से बैस्ट आफ़ विनोद दुआ अभी भी आना बाकी है।

 

लेकिन आप सोचेंगे कि मैने शीर्षक आई तुझा आशीर्वाद क्यों दिया, वो इसलिए कि ये सभी साथी अपनी सफ़लता का श्रेय अपना माँ के आशीर्वाद को ही मानते है, सच है माँ के आशीर्वाद मे बहुत ताकत होती है मीडिया के इन साथियों को पद्यश्री सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई। साथ ही मेरा पन्ना के पाठकों को गणतन्त्र दिवस की ढेर सारी शुभकमनाएं। आते रहिए और पढते रहिए, अकेले मेरा नही आप सभी का पन्ना।

 

चित्र साभार : एनडीटीवी एवं अन्य इन्टरनैट स्त्रोत।

2 Responses to “आई तुझा आशीर्वाद”

  1. मां, आई, बा , अम्मा , मम्मी …मोम , माता, किसी भी नाम से पुकारो ..आशीर्वाद मिलेगा जो हर बच्चे को नवाजेगा —

  2. क्या बात परतकारों पर बहुत महरबान हो रहे है 🙂 बहुत सारे पत्रकार बन्धूओं के ब्लॉग है वहीं कहीं ऐसी पोस्ट की उम्मीद थी.

    सबके बारे में जानकर अच्छा लगा. दुआ साहब को नवाजा जाना आश्चर्यजनक लगा. खैर बात है बाँटने की सो बाँट दिये. अपने कौन होते है सावल करने वाले.