ये इंफ़्रा इंफ़्रा क्या है?

 

सबसे पहले तो आप लोगों का धन्यवाद कि आप लोगों ने मुझ नाचीज के लिखे शेयर बाजार/अर्थ चर्चा के विषय पर लिखे लेखों को पसन्द किया। यदि आप शेयर बाजर मे रुचि रखते है तो आपने अक्सर इंफ़्रास्ट्रकचर  शब्द  के बारे में होगा।  इस लेख को लिखने का आइडिया मेरे को मेरे एक मित्र के सवाल पर आया। एक पार्टी मे बात करते समय किसी ने मेरे से पूछा कि आजकल जिसे देखो सभी लोग इंफ़्रास्ट्रकचर इंफ़्रास्ट्रकचर वाली कम्पनियों के शेयर या इस सेक्टर के म्यूचल फंड मे निवेश पर जोर दे रहे है, आखिर ये होता क्या है? और इसमे निवेश क्यों किया जाना चाहिए?  यह लेख शेयर/म्यूचल फंड बाजार के निवेशकों को ध्यान मे रखकर लिखा जा रहा है। उम्मीद है इस लेख के द्वारा मै उस मित्र और अपने पाठकों के ज्ञान मे कुछ वृद्दि कर सकूंगा।

इंफ़्रास्ट्रकचर, यानि बुनियादी अथवा ढांचागत सुविधाएं। इंफ़्रास्ट्रकचर शब्द का प्रयोग कई स्थानो पर अलग अलग तरीके से होता है। किसी भी देश की तरक्की उसकी बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर करती है। यही उसकी इकोनामी को भी आगे बढाती है। जिस देश मे बुनियादी सुविधाओं का ढांचा जितनी जल्दी तैयार होगा उस देश की इकोनामी उतनी तेजी से बढेगी। विदेशी निवेश भी इन सभी सुविधाओं को देखकर होता है। हम ज्यादा दूर क्यों जाएं, अपने पड़ोसी देश चीन का ही उदाहरण लें, उसने पिछले बीस वर्षों मे अपने यहाँ बुनियादी सुविधाओं मे क्रांतिकारी परिवर्तन किया है, चीन की तरक्की किसी से छिपी नही है और विदेशी निवेश मे भी चीन पहले नम्बर पर है। बुनियादी सुविधाओं मे काफी चीजे शामिल होती है जैसे:

 

  1. बिजली (पावर)
  2. सड़कें
  3. रेलवे
  4. सिंचाई सुविधाएं (Irrigation), जल संसाधन और जल आपूर्ति सुविधाएं
  5. टेलीकम्यूनिकेशन
  6. पोर्ट सुविधाएं
  7. एयरपोर्ट सुविधाएं
  8. लाजिस्टिक और स्टोरेज
  9. प्राकृतिक गैस से सम्बंधित सुविधाएं
  10. अन्य बुनियादी सुविधाएं (जैसे शिक्षा, तकनीकी ट्रेंनिग वगैरहा वगैरहा)

 

बिजली

powerहमारे देश मे बिजली की समस्या सबसे बड़ी बुनियादी समस्याओं मे से एक है। अभी भी मांग और आपूर्ति मे काफी फर्क है। सरकार को आशा है कि 2012 तक देश के हर नागरिक तक बिजली की सुविधाएं पहुँच जाएगी। इसके लिए सरकार काफी प्रयत्न भी कर रही है, जैसे पावर क्षेत्र को प्राइवेट कम्पनियों के लिए खोलना, बड़े बड़े पावर प्लांट लगाना, थर्मल पावर की जगह परमाणु बिजली पर विचार करना, बिजली बोर्डों की कार्यप्रणाली मे परिवर्तन करना। इस क्षेत्र मे काफी विकास होना है, इसलिए पावर कम्पनियों या उससे सम्बंधित कम्पनियों को इससे विशेष लाभ होगा। जाहिर है इन कम्पनियों के शेयरों मे भी उछाल आएगा। इस क्षेत्र की जिन कम्पनियों पर नजर रखी जा सकती है वो है : भेल, एल एंड टी, सीमेंस, पावरग्रिड, एनटीपीसी, एबीबी, रिलायंस पावर, बिजली के तार बनाने वाली कम्पनियां।

सड़कें

roads भारत मे सड़कें तो है, लेकिन उनकी हालत काफी बिगड़ी हुई है। इसके अतिरिक्त अभी भी एक्सप्रेस वे की काफी कमी है। देश के विभिन्न हिस्सों को आपस मे जोड़ने वाले हाई स्पीड एक्सप्रेस वे बन जाने से कई फायदे होंगे एक तो माल की ढुलाई आसान होगी, दूसरा रेलवे पर निर्भरता कम होगी। पिछली केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया था और ईस्ट वेस्ट कॉरीडोर तथा कई अन्य परियोजिनाएं शुरु की थी। मौजूदा केंद्र सरकार भी इन परियोजनाओं को आगे बढाने के लिए प्रयास कर रही है। इस क्षेत्र मे अभी काफी काम किया जाना बाकी है। इसके अतिरिक्त सुचारू ट्रैफ़िक के लिए हजारो फ़्लाईओवर और पुल बनाए जाने बाकी है। इस क्षेत्र की जिन कम्पनियों पर नज़र रखी जा सकती है वे है एल एंड टी, गैमन इंडिया, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कम्पनी, जीएमआर, आईवीआरसीएल।

 

रेलवे

railways रेलवे भारत की धड़कन है। भारतीय रेलवे दुनिया मे सबसे ज्यादा यात्रियों को प्रतिदिन उनके गंतव्य तक पहुँचाता है। लेकिन अभी भी रेलवे मे काफी आधुनिकीकरण की गुंजाइश है। शहरों की यातायात सम्बंधी समस्याओं का समाधान MRT (Mass Rapid Transport ) या मोनो रेल से निकाला जा सकता है। मेट्रो रेल का विस्तार कई बड़े शहरों तक होना है। इस क्षेत्र मे भी काफी उम्मीदें है। इस क्षेत्र की कम्पनियां जिन पर नजर रख सकते है BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड), टेक्समाको, रेलवे ट्रैक्स और बोगियों के लिए पार्ट बनाने वाली कम्पनियां प्रमुख है।

 

सिंचाई सुविधाएं (Irrigation), जल संसाधन और जल आपूर्ति सुविधाएं

water भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश मे पंचवर्षीय योजनाओं मे सिंचाई सुविधाओं के लिए धन प्रदान किया जाता है। सिंचाई सुविधाओं मे क्रांतिकारी कदम उठाने की जरुरत है। नहरों को जोड़ने और नयी जल सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। हमारे यहाँ हर साल अच्छी बारिश होती है, इस बारिश का ढेर सारा पानी बिना प्रयोग किए समुंद्र मे चला जाता है, हम इस बर्षा जल के को संचित( Rain Water Harvesting)  करके उसे कई अन्य प्रयोगो मे ला सकते है। इस क्षेत्र की जिन कम्पनियों पर नजर रखनी है वे है पटेल इंजीनियरिंग, जिंदल सॉ एन्ड पाइप्स, जैन इरीगेशन, आईवीआरसीएल वगैरहा।

 

टेलीकॉम (सूचना क्रांति)

telecom भारत मे टेलीकाम पर काफी काम किया गया है। हरित क्रांति के बाद शायद सूचना क्रांति का ही नाम आना चाहिए। लेकिन अभी भी इस क्षेत्र मे विकास की असीम सम्भावनाएं है। मोबाइल के ग्राहक, शहरों मे तो बढ रहे है लेकिन इनको अभी गाँवो तक पहुँचना बाकी है। मेरे विचार मे 60 करोड़ ग्राहकों जिसमे 25 करोड़ गाँवो से हो, का लक्ष्य होना चाहिए। मोबाइल कम्पनियों को इस बारे मे पता है, वे इस दिशा मे अच्छा काम कर रही है। निजी  क्षेत्र की भागीदारी के चलते इस सैक्टर मे विकास बहुत तेजी से हुआ है। इन्टरनैट और ब्राडबैंड के लिए भी काफी अच्छा बाजार है। इस क्षेत्र जिन कम्पनियों पर नज़र रखनी है वे है: भारती एयरटेल, रिलायंस कम्यूनिकेशन, टाटा टेलीकाम।

पोर्ट सुविधाएं

port भारत मे पोर्ट सुविधाएं अभी भी कम है, निजी क्षेत्रों को पोर्ट बनाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। अभी के जितने पोर्ट है उनमे माल लदाई की सुविधाओं का विस्तार किया जाना बाकी है। कई नए पोर्ट विकसित किए जाने बाकी है। इस क्षेत्र मे विकास की काफी गुंजाइश है। जिन कम्पनियों पर नज़र रखी जानी है वे है : जीई शिपिंग, मुंद्रा पोर्ट एवं अन्य पोर्ट सम्बंधित कम्पनियां।

एयरपोर्ट सुविधाएं

airport मै जब भी भारत आता हूँ, दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुँचते ही मेरे को भारत पहुँचने का एहसास हो जाता है। पूरा माहौल एकदम निराशाजनक दिखता है, बत्तियां बाबा आदम के जमाने की लगी हुई है, जहाँ रोशनी होनी चाहिए वहाँ पर अंधेरा होता है। हैल्प करने वाले बंदे की नजर हैल्प करने मे कम, टिप लेने मे ज्यादा रहती है। कस्टम वाले भी किसी तरह से पैसा कमाने की फिराक या फिर दारू की बोतल की जुगाड़ मे रहते है। एयरपोर्ट से बाहर निकलो तो लगता है किसी भुतहा हवेली से बाहर निकले है। कुल मिलाकर अनप्रोफ़ेशनल सा लुक रहता है। वहीं दुनिया के दूसरे एयरपोर्ट को देखो, तो लगता है भारत के एयरपोर्ट अभी गाँव देहात के बस अड्डे है।खैर… अब शायद नज़ारा बदले, सभी एयरपोर्ट को आधुनिकीकरण किया जा रहा है। जिन कम्पनियों पर नज़र रखनी है वे है: जीएमआर, जीवीके, एल एंड टी वगैरहा।

लाजिस्टिक और स्टोरेज

logistics सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने के लिए लाजिस्टिक कम्पनियों की जरुरत होती है। इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट मे इन कम्पनिया का अहम रोल होता है। एक्सपोर्ट से इम्पोर्टर (or Vice Versa) तक माल की हैंडिलिंग इन्ही के जिम्मे होती है। कई कई बार माल को स्टोरेज करने की जिम्मेदारी भी इन कम्पनियों की होती है। कुछ नाजुक सामानों या जीवन रक्षक दवाइयों के लिए अलग किस्म की स्टोरेज की आवश्यकता होती है। लाजिस्टिंक और स्टोरेज कम्पनियों के क्षेत्र की कम्पनियों मे विकास की अच्छी उम्मीद है। जिन कम्पनियों पर नज़र रखी जानी है वे है कन्कोर, गेटवे डिस्टीपार्क वगैरहा।

प्राकृतिक गैस संसाधन

naturalgas बढती जनसंख्या के साथ साथ कुकिंग गैस के उपभोक्ता भी बढ रहे है। बिना कुकिंग गैस के खाना बनाने की सोचना भी असम्भव है। अक्सर गैस पाइपलाइन के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जाती है। उधर पेट्रोल के पर्यावरण पर बढते असर के चलते सीएनजी का प्रयोग भी बढ रहा है। अनेक शहरों मे सीएनजी से गाड़ियां चलायी जा रही है।  इसलिए आने वाले वर्षों में एलएनजी टर्मिनल, गैस ट्रांसमिशन और सीएनजी गैस डिस्ट्रीब्यूशन वाले क्षेत्रों मे विकास दर काफी होगी। जिन कम्पनियों पर नज़र रखनी है वे है: गेल (GAIL), पेट्रोनेट एलएनजी, जीएसपीएल, इंद्रप्रस्थ गैस वगैरहा।

 

तो जनाब ये थी इंफ़्रास्ट्रकचर की कहानी। इन सभी क्षेत्रों मे आने वाले पाँच सात वर्षों मे बूम रहेगा। जब क्षेत्रों मे बूम रहेगा तो इस क्षेत्रों की कम्पनियों की सेल्स और मुनाफ़े मे भी बूम रहेगा। इसलिए इन सभी कम्पनियों पर नजर रखिए और अपना निवेश सोच समझ कर करिए। मैने कोशिश की है कि अपनी जानकारी को आप सभी के साथ शेयर करूं। यदि कुछ चीजें छूट गयी हो तो मुझे अवश्य बताएं । इसके अतिरिक्त कई और कम्पनियां है जो इन्फ़्रास्ट्रकचर के दायरे मे नही आती, लेकिन उनके विकास भी दिनो दूनी रात चौगुनी होने है। उन कम्पनियों के बारे मे फिर कभी। ये लेख आपको कैसा लगा मुझे अवश्य बताएं।

 

डिसक्लेमर : जिन कम्पनियों के बारे मे बात की गयी है, उनमे लेखक का निवेश हो सकता है।

5 Responses to “ये इंफ़्रा इंफ़्रा क्या है?”

  1. जीतू भाई आपने तो खूब सरल शब्‍दों में सब कुछ समझा दिया। आपको ऐसे लेख लगातार लिखने चाहिए। कहीं शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए पढ़ाने का मौका मिलें तो आप सफल हो जाएंगे। या ऐसे लेखों की एक वेलकम किट बनाकर किसी को बेच सकते है।

  2. अत्यंत उपयोगी और सूचनापरक लेख . जो लोग शेयर बाज़ार में रुचि रखते हैं और निवेश करते हैं उनके लिए तो अनिवार्य पाठ .

  3. उपयोगी जानकारी
    साधुवाद

  4. MAIN BHI SOCH RAHA THA KI ये इंफ़्रा इंफ़्रा क्या है? AB PATA CHALA KI YE HAI.

  5. bahut achha laga ………………lage raho jitu bhai