ये RSS क्या बला है? : भाग 2

सभी साथियों का शुक्रिया जिन्होने मेरे पिछले लेख को पसन्द किया। हमारे कई नए चिट्ठाकार साथियों ने RSS और फीड के बारे मे पूछा है। इस बारे मे मैने अपने एक पुराने लेख ये RSS क्या बला है? मे काफी कुछ बताया है। नए चिट्ठाकारों से निवेदन है कि इस उपरोक्त लेख को पढने के बाद यहाँ से आगे पढे।

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वैसे इसी मौके पर याद आया, १ मई को इन्टरनैट पर World RSS Awareness Day मनाया गया। इसलिए इस बारे मे आज (ये लेख १ मई को ही लिखा गया था) से अच्छा दिन नही हो सकता। इंटरनैट पर इस बारे मे कुछ अच्छे वीडियो दिखे, इसलिए सोचा आप लोगों से भी शेयर करता चलूं। जो वीडियो मुझे सबसे अच्छा लेखा वो आपके लिए पेश है:

यदि कोई ब्लॉग/साइट आपको अपना RSS फीड प्रदान करती है तो आप उस साइट पर लिखे जाने वाले नए लेखों की सूचना घर बैठे पा सकते है। इसके लिए आपको फीड रीडर्स की सेवा लेनी पड़ेगी जो कि फ्री मे उपलब्ध है। वैसे भी आजकल बढते ब्लॉग संख्या की वजह से ब्लॉग पढना काफी मुश्किल होता जा रहा है। एग्रीगेटर सिर्फ़ ब्लॉग की सूचना दे रहे है, आपको अपनी पसन्द के ब्लॉग खुद चुनने होंगे। इस कार्य के लिए फीडरीडर्स आपके काफी काम आएंगे। मै गूगल रीडर का प्रयोग करता हूँ। वैसे आप अपने कम्पयूटर के आपरेटिंग सिस्टम और अपनी सुविधा के अनुसार इतने सारे उपलब्ध फीड रीडर्स मे से कोई एक चुन सकते है। गूगल रीडर का सही उपयोग आज ज्ञानजी के ब्लॉग अथवा मेरे ब्लॉग के मेरी पसन्द वाले हिस्से मे देख सकते है।

इस लेख को आगे भी जारी रखेंगे, अगली बार बात करेंगे फीडबर्नर सेवा की।

6 Responses to “ये RSS क्या बला है? : भाग 2”

  1. जीतू भाई काहे पंगे ले रहो हो,सारे वामपंथी विचार धारा वाले ब्लोगर बिना पढे गरिया जायेगे,आपको साथ मे गुजरात को और संजय को . आर एस एस नाम ही ऐसा है ना 🙂

  2. पंगेबाज सही कह रहे हैं. RSS जैसी चीजों से दूर ही रहें तो बेहतर है. 🙂

  3. RSS को फीड कौन करते हैं – वामपंथी विचारधारा वाले ही न!!! 🙂

  4. वैसे मैं गूगल रीडर से पहले मोजिल्ला थण्डरबर्ड के माध्यम से अपनी मेल भी देखता था और फीडरीडिंग भी करता था। तब ऑफलाइन काम ज्यादा करता था। यह युगों पुरानी बात है!

  5. thanks
    RSS feed ke baare me batene ke liye

  6. dhanyawad bohot pate ki bat h