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एक बराह्मण ने कहा कि ये साल अच्छा है

Tweet एक बराह्मण ने कहा कि ये साल अच्छा है ज़ुल्म की रात बहुत जल्द टलेगी अब तो आग चुल्हों में हर इक रोज़ जलेगी अब तो भूख के मारे कोई बच्चा नहीं रोएगा चैन की नींद हर इक शख्स़ यहां सोएगा आंधी नफ़रत की चलेगी न कहीं अब के बरस प्यार की फ़सल उगाएगी […]

तू कहीं भी रहे सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है

Tweet तू कहीं भी रहे सर पे तेरे इल्ज़ाम तो है तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है मुझको तू अपना बना या न बना तेरी ख़ुशी तू ज़माने में मेरे नाम से बदनाम तो है मेरे हिस्से में कोई जाम न आया न सही तेरी महफ़िल में मेरे नाम कोई शाम तो […]

पसीने पसीने हुई जा रहे हो…

Tweet पसीने पसीने हुई जा रहे हो ये बोलो कहां से चले आ रहे हो हमें सब्र करने को कह तो रहे हो मगर देख लो ख़ुद ही घबरा रहे हो ये किसकी बुरी तुम को नज़र लग गई है बहारों के मौसम में मुर्झा रहे हो ये आईना है ये तो सच ही कहेगा […]

दोस्त बन बन के मिले…

Tweet दोस्त बन बन के मिले मुझको मिटानेवाले मैं ने देखे हैं कई रंग बलनेवाले तुमने चुप रहकर सितम और भी ढाया मुझ पर तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हंसनेवाले मैं तो इख़लाक़ के हाथों ही बिका करता हूं और होंगे तेरे बाज़ार में बिकनेवाले आख़री दौर पे सलाम-ए-दिल-ए-मुज़्तर ले लो फिर ना लौटेंगे […]

कैसे सुकून पाऊ….

Tweet कैसे सुकून पाऊं तुझे देखने के बाद अब क्या ग़़जल सुनाऊं तुझे देखने के बाद आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे जाऊं मैं या न जाऊं तुझे देखने के बाद काबे का एहतराम भी मेरी नज़र में है सर किस तरफ़ झुकाऊं तुझे देखने के बाद तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख्म़ूर कर दिया क्या […]

मेरी क़सम ना जाईए …

Tweet बहुत दिनों की बात है फ़िज़ा को याद भी नहीं ये बात आज की नहीं बहुत दिनों की बात है शबाब पर बहार थी फ़िज़ा भी ख़ुश-गवार थी न जाने क्यूं मचल पड़ा मैं अपने घर से चल पड़ा किसी ने मुझ को रोक कर बड़ी अदा से टोक कर कहा था लौट आईए […]

देख लो ख्व़ाब मगर….

Tweet देख लो ख्व़ाब मगर ख्व़ाब का चर्चा न करो लोग जल जायेंगे सूरज की तमन्ना न करो वक़्त का क्या है किसी पर भी बदल सकता है हो सको तुम से तो तुम मुझ पे भरोसा न करो किर्चियां टूटे हुए अक्स की चुभ जायेंगी और कुछ रोज़ अभी आईना देखा न करो अजनबी […]

चलो बांट लेते हैं अपनी सज़ाए

Tweet चलो बांट लेते हैं अपनी सज़ाएं ना तुम याद आओ ना हम याद आएं सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा किसे याद रखें किसे भूल जाएं उन्हें क्या ख़बर हो आनेवाला ना आया बरसती रहीं रात भर ये घटाएं -सरदार अन्जुम

मैं ख़याल हूं किसी और का,…

Tweet मैं ख़याल हूं किसी और का, मुझे सोचता कोई और है सर-ए-आईना मेरा अक्स है, पस-ए-आईना कोई और है मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूं, तो किसी के हऱ्फ-ए-दुआ में हूं मैं नसीब हूं किसी और का, मुझे मांगता कोई और है कभी लौट आएं तो न पूछना, सिऱ्फ देखना बड़े गौ़र से जिन्हें […]

शेरो शायरी का शौंक

Tweet आजकल बेगम साहिबा के कुवैत मे ना होने से, अपना गज़लो और नज़मो को पढने और सुनने का शौंक अपने पूरे पूरे शबाब पर है. सो जो कलाम हमें अच्छे लगते है, वो आप भी पढिये… आंख जब बंद किया करते हैं सामने आप हुआ करते हैं आप जैसा ही मुझे लगता है ख्व़ाब […]