बिल्लू की खिड़की से आजादी
अब जनाब, दो लीनिक्स विशेषज्ञो से विचार विमर्श किया गया, और तलाशा गया कि कौन सा लीनिक्स बेहतर है, आप भी पढिये कि वो क्या कहते है.
रवि भाई का कहना हैः
“हिन्दी जो बढ़िया सपोर्ट करे वह लिनक्स –
फेदोरा कोर 3 इसमें लोहित सीरीज के हिन्दी फ़ॉन्ट हैं
मेनड्रेक 10.1 – रघु फ़ॉन्ट इस्तेमाल करता है. दोनों ही आउटआफ द बाक्स हिन्दी समर्थन प्रदान करते हैं. दोनों ही संस्थापना स्क्रीन से लेकर सम्पूर्ण डेस्कटॉप माहौल हिन्दी में देते हैं. दोनों ही मुफ़्त और मुक्त स्रोत के रूप मे उपलब्ध हैं. मेनड्रेक का इंस्टालर, पार्टीशनिंग विज़ार्ड , हार्डवेयर समर्थन अच्छा है. मल्टीमीडिया समर्थन अच्छा है. इसे आप विंडोज़ फैट 32 पर बिना पार्टीशन किए भी इंस्टाल कर सकते हैं.
मेरे विचार में नौसिखियों के लिए मेनड्रेक 10.1 का उपयोग उचित रहेगा., हालाकि फेदोरा कोर 3 ज्यादा पापुलर है. “
धनन्जय भाई का कहना हैः
“लिनक्स के प्रथम अनुभव हेतु, मै मैनड्रैकलिनक्स की संस्तुति करना चाहूँगा । मैनड्रैकलिनक्स की हार्डडिस्क विभाजन अति सहज व सचित्र मय है । यह आपको, एक नया डिस्क विभाजन बनाने में सर्मथ बनाती है ।इस प्रकार बिना विण्डो के प्राइमरी विभाजन या बूट सेक्टर में खलल पहुँचाये हुए, आप अपने पीसी में मैनड्रैकलिनक्स का संसाधन कर सकते है । मैनड्रैकलिनक्स अपने “उपयोग
में सहजता” के लिए विश्व-विख्यात है।”
तो अब जब दो गुरूघन्टाल मैनड्रेकलिनिक्स का अनुमोदन कर रहे है, तो मै मूढ, नासमझ की क्या हिम्मत कि किसी और लीनिक्स की तरफ रूख भी करू. तो जनाब पिछले महीने की डिजिट मैगजीन के साथ आयी डीवीडी खंगाली गयी और उससे मैनड्रेकलिनिक्स 10.1 तीन सीडी तैयार की गयी.
स्थापनः
स्थापन तो बहुत स्मूथ था, सारा कुछ स्क्रीन पर दिख रहा था, मेरे सारे डिवाइसेस अपने आप डिटेक्ट कर लिये गये, जो मुझे काफी अच्छा लगा. लीनिक्स का डेस्कटाप KDE भी काफी अच्छा है, सारे मेनू अपने आप मे डिसक्रिपटिव है. सब कुछ सही चल रहा था, तो मैने सोचा कि चलो भई, अब इन्टरनैट कनेक्ट करके अपने दोस्तों से भी गपशप कर ली जाये. लेकिन ये क्या? मेरा माडेम तो डिटेक्ट ही नही हुआ था, अब क्या किया जाये, फिर गुरुजी की शरण मे गये, और पूछाः
१.मेरा माडेम नही चल रहा है, लीनिक्स ने माडेम डिटेक्ट करने से मना कर
दिया और बोला कि www.linmodems.org
मोडेम है जो COM3 प्रयोग कर रहा है. विन्डोज XP पर ये सही काम कर रहा है,
लेकिन लीनिक्स मे नमस्ते हो रहा है. क्या कारण हो सकता है?
जवाब मिलाः
“इन्टरनल मॉडेम सॉफ़्टवेयर मॉडेम होते हैं, जो लिनक्स द्वारा हार्डवेयर के रूप में पहचाने नहीं जाते. आपको अपने मॉडम का मॉडल देख कर उक्त वेबसाइट से उसका ड्रायवर उतारना होगा और संस्थापित करना होगा. उम्मीद है आपके इंटरनल मॉडेम के लिए वहां ड्रायवर मिल जाए. अगर ड्राइवर नहीं मिले, तो अफसोस है कि, संभवत: इसका कोई इलाज नहीं.”
धनन्जय भाई के जवाब का इन्तजार है.
अब बात कुछ कुछ समझ मे तो आ रही है लेकिन बिना इन्टरनेट तो कोई जीवन नही, इसलिये जब तक दूसरे मोडेम का जुगाड़ ना किया जाय, तब तक लीनिक्स को समझा जाय, तो अभी मै लगा हुआ हूँ इस कार्य मे तब तक आप लोग भी ट्राइ करिये लीनिक्स स्थापित करने की.
मेरा अगला लीनिक्स लेखः क्या मेरे को विन्डोज के प्रोग्राम लीनिक्स मे मिलेंगे?
(हालांकि उसके लिये आपको कुछ हफ्ते इन्तजार करना पड़ेगा.)
Jitu Bhai
check out http://www.linspire.com/
जितेन्द्र जी,
मैनड्रैकलिनक्स के संसार में आपका स्वागत !
आपके द्वारा बतायी गई समस्याओं का समाधान निम्न है:-
१) मॉडम : लगभग सभी लिनक्स वितरण, लगभग सभी प्रकार के आंतरिक विन-मॉडमों की पहचान भली-भांति नहीं कर पाते है । कारण की इस प्रकार के मॉडम, सम्पूर्ण मॉडम ना होकर, मात्र जड़ टेली-संचार यंत्र होते है, जो कि चलायमान होने के लिए, संचालन-तंत्र पर पूर्णताः निर्भर रहते है । इन मॉडमों का स्वंय का कोई सीरियल पोर्ट नहीं होता है और विण्डो द्वारा बनाये हुए एक कल्पित पोर्ट को सीरियल मानते हुए, ये कम्प्यूटर से जुड़े रहते है । इस प्रकार के मॉडमों के निर्माताओं द्वारा, इनकी बायोस की आंतरिक जानकारी को मुक्त-स्रोत जगत के साथा ना साझा करने के कारण, आज इन का प्रयोग ना सिर्फ़ मात्र विण्डो तक ही सीमित रह गया है बल्कि विण्डो के सभी प्रकारों और नये विण्डो पर इनका चलना भी संदेहास्पद है । निष्कर्ष : लगभग सभी प्रकार के आंतरिक विन-मॉडम, विण्डो पर ही चलते है ।
समाधान: सभी प्रकार के बाह्य-मॉडम, सभी लिनक्स-वितरणों पर चलते है ।
२) मैनड्रैकलिनक्स में हिन्दी-लेखन व संपादन यूटीलिटी: आपने लिखा कि “तख्ती” का वर्जन, लिनक्स पर नहीं चलता है । मेरा तख्ती के रचियता से अनुरोध है कि शीघ्र ही वे इसका लिनक्स वर्जन उपलब्ध कराएँ । मै हिन्दी लेखन व संपादन हेतु, यूडिट का प्रयोग करता हूँ । इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने व इसका संसाधन मैनड्रैकलिनक्स पर करने के लिए, मेरे व्यक्तिगतवेब-स्थल की इस कड़ी पर जाएँ । [ http://in.geocities.com/dysxhi/hi/editor.html ]
३) लिनक्स पर विण्डो प्रोग्रामों को चलाना : अब यह थोड़ा गूढ़ विषय हो गया है । यह स्थिति उसी प्रकार की ही कि जैसे कि आप कहे कि क्या “ठग्ग़ू के लड़्डू” कुवैत में किस प्रकार से मिल सकते है ? तो जीतू-भाई, ठग्ग़ू के लड़्डू तो सिर्फ़ कानपुर में बड़ा चौराहे पर ही मिल सकते है । इसी प्रकार से, विण्डो के प्रोग्राम तो “ठग्ग़ू के लड़्डू” जैसे है, जो कि सिर्फ़ और सिर्फ़ विण्डो पर ही भली-भांति चल सकते है । लिनक्स के प्रोग्राम तो “खोये” जैसे है, जो चाहे बना लो, पर आंतरिक स्वाद बरकारार रहेगा । कहने का अर्थ यह है कि विण्डो के प्रोग्रामों का तो आपने बहुत स्वाद लिया है, अब जरा लिनक्स के प्रोग्रामों का भी जायका लें और बताएँ कि कैसा लगा ?
धनञ्जय शर्मा
(आपके प्रश्नों का उत्तर मैने काफ़ी पहले लिख दिया था परन्तु मै इसे अपने या आपके चिठ्ठे के माध्यम से ही प्रकाशित करना चाहता था । )
जितेन्द्र भाई,
मैनड्रैकलिनक्स के बारे में और अधिक जानने के लिए, आप इसके वेब-स्थल के हिन्दी संस्मरण पर भी जा सकते है । यह http://www.manadrakelinux.com/hi पर उपलब्ध है । इस वेब-स्थल का हिन्दी-अनुवाद करते समय, मैने सोचा था कि कभी ना कभी तो आपसे जैसे गुनीजनों के दृष्टि भी इस ओर पड़ेगी । कृपया अपने मूल लेख में भी, इसकी संदर्भ कड़ी को अंग्रेजी-संस्मरण की ओर इंगित करने के बज़ाय, इस हिन्दी संस्मरण की ओर करें ।
मैनड्रैकलिनक्स हो या फेदोरा कोर 3, या फ़िर ओर कोई लिनक्स तंत्र, निम्न कथन सभी पर सत्य साबित होते है:-
[१] क्या आप अपने कम्प्यूटर पर पूर्ण नियंत्रण चाहते है ?
[२] क्या आप एक वायरस मुक्त कम्प्यूटिंग वातावरण में कार्य करना चाहते है?
[३] क्या आप निकट भविष्य़ में अपने कम्प्यूटर / हार्डवेयर को अपग्रेड करने से बचना चाहते है?
[४] क्या आप एक ऐसा संचालन-तंत्र चाहते है जिसमें कि सब-कुछ शामिल हो और सब-कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के पैक में समाहित हो ? एक बार ऑपरेटिंग सिस्टम के संसाधन के उपरान्त, किसी भी सामान्य सॉफ़्टवेयर / यूटीलिटी को डॉउनलोड या संसाधित करने की आवश्यकता नहीं हो । सब-कुछ में शामिल है: ऑफ़िस-सूट, मल्टीमीडिया, मूवी-प्लेयर, ग्राफ़िक्स के संपादक, विकास के टूल जैसे कि सी, सी++, फ़्रोट्रान७७, ऑबजेक्टिव सी, जावा, पीएचपी, पर्ल, पायथन व ऐडा ९५ आदि, डाटाबेस माईसीक्यूअल आदि, खेल, इन्टरनेट के ब्राउजर, आल-इन-वन मैसेन्जर इत्यादि, इत्यादि ।
[५] क्या आप बिना किसी वायरस या वार्मों के आक्रमण के भय के साथ इन्टरनेट पर सर्फ़ करना चाहते है?
[६] क्या आप सम्पूर्ण विश्व में उपलब्ध समस्त मुक्त स्रोत सॉफ़्टवेयर समुदाय की सहायता व समर्थन प्राप्त करना चाहते है?
मुक्त स्रोत सॉफ़्टवेयर जगत में आइये !
मैनड्रैकलिनक्स संचालन तंत्र का अपने पीसी पर संसाधन करें और उपरोक्त सभी व अन्य और इच्छाओं की पूर्ति करें ।
मैनड्रैकलिनक्स संचालन-तंत्र के समूदाय व अधिकारिक संस्मरण डॉउनलोड के लिए निःशुल्क उपलब्ध है ।
मैनड्रैकलिनक्स संचालन-तंत्र के बारे में और अधिक जानने के लिए, कॄपया मैनड्रैकलिनक्स के सामान्य लक्षणों को पढ़ें ।
अपने चिठ्ठे में मैनड्रैकलिनक्स का जिक्र करने के लिए बहुत धन्यवाद ।
|| धनञ्जय शर्मा ||
जीतू भाई,
लिनक्स संस्थापित करने तथा उस पर ब़ढ़िया लेख लिखने के लिए बधाई! इसे विस्तारित कर सर्वज्ञ पर भी अलग खंड में डाल सकें तो और अच्छा.
रवि
lita ford
lita ford