Tweet साथियों, मेरे विचार से आप सभी भी उन लोगों में शामिल है जो समाचारपत्र के पोर्टल से खबरें देखते हैं। शुरू शुरू में तो वहां पर खबरें दिखती थी, थोड़े दिनों बाद विज्ञापन भी आने शुरू हो गए, तब भी ठीक था, लेकिन फिर विज्ञापन और ख़बरों का अनुपात ऐसा बिगड़ा कि अब […]
जून 9th, 2017 | Posted in आपबीती, विविध | 1 Comment
Tweet आइये आज कुछ बात करते है, ब्लॉगजगत के कुछ यादगार लम्हों की। बात कुछ २००६ की है, जब हम हिंदी ब्लॉगजगत में स्थापित होने की कगार पर थे। हर रोज कुछ ना कुछ नयी खुराफात करने की कोशिश करते थे, इसी कोशिश का नतीजा था , श्री रामचरित मानस को इंटरनेट पर देखने का, वैसे […]
मई 21st, 2017 | Posted in आपबीती | 2 Comments
Tweet आज बहुत दिनो बाद ब्लॉग लिखने बैठा हूँ, समझ मे नही आता कि क्या लिखू, हमेशा की तरह अपने व्यस्त होने का बहाना बनाऊ या फिर फेसबुक/ट्विट्टर पर अतिव्यस्त होने का रोना रोऊँ. ब्लॉग लेखन एक अलग तरह का लेखन है, जिसमे आपको टाइम देना पड़ता है. फेसबुक और ट्विट्टर फास्ट फ़ूड कि तरह […]
सितम्बर 27th, 2013 | Posted in आपबीती | 3 Comments
Tweet आज होली है, इंटरनेट और फ़ेसबूक पर सभी दोस्त यार एक दूसरे को होली की शुभकामनाएँ दे रहे है। लेकिन हमारी स्थिति अजीब है, हम ऑफिस में बैठे हुए अभी भी उन ऊलजुलूल सॉफ्टवेयर और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में व्यस्त है, हमारे यहाँ कुवैत में सारे त्योहार वीकेंड यानि शुक्रवार/शनिवार को शिफ्ट कर दिये जाते […]
मार्च 26th, 2013 | Posted in आपबीती | 6 Comments
Tweet आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आप सभी लोगों से बहुत दिनों बाद मुखातिब हुआ हूँ, क्या करूँ, रोजी रोटी से टाइम मिले तो ही कुछ लिखा जाए। खैर ये सब गिले शिकवे तो चलते ही रहेंगे। चलिये कुछ बात की जाए हमारे आपके बारे में। मै अक्सर दो अपने साथ रखता हूँ, […]
मार्च 14th, 2013 | Posted in आपबीती | 9 Comments
Tweet चलिये आज कुछ बात करते है, आपके अपने प्रॉफ़ेशन की। यदि आप अपने इस कैरियर में न होते तो क्या होते? वैसे तो मैंने पहले भी इस बारे में बात लिखी है, पिछली बाते ताज़ा करने के लिए ये वाला लेख देखिये। तो जनाब शुरू करते है। यदि मैं अपने इस कम्प्युटर सॉफ्टवेर वाले […]
दिसम्बर 9th, 2012 | Posted in आपबीती | 3 Comments
Tweet आप हर दूसरे वाक्य में चू*या शब्द का प्रयोग करते हैं। आप शॉपिंग माल में चुपचाप पैसे देकर आ जाते हैं, लेकिन रिक्शे वाले से अठन्नी के लिए झगड़ा करते हैं। आप बिना मांगे और बेवजह अपनी राय देते हैं। खासकर, जब कभी आप ट्रेन में सफर कर रहे हों। आपके शब्दकोश में गालियों […]
अप्रैल 18th, 2012 | Posted in आपबीती | 8 Comments
अक्सर हम अपने बच्चों को शिक्षा देते है की वो अपना कैरियर अपनी पसंद से चुने। पता है क्यों? क्योंकि हम नहीं चाहते की जो परेशानी हमे झेलनी पड़ी, वो उनको भी झेलनी पड़े। क्या कभी आपने सोचा है, कि यदि आप, वो ना होते जो आप अभी है, तो क्या होते? चलिए सोचते है इसी बारे में, तो इंतज़ार मत करिए, लिख मारिए अपनी आप बीती।
अक्तुबर 2nd, 2011 | Posted in आपबीती | 8 Comments
Tweet शुक्रवार(25th मार्च,2011) को लगभग शाम के चार बजे, सूर्य अभी चमक रहा था, कुवैत मे यकायक अंधेरा छा गया। इसका कारण था, धूल का बवंडर, जिसने पूरे शहर को अपने आगोश मे ले लिया। जो जहाँ था वहीं थम गया। शहर मे जनजीवन लगभग अस्त व्यस्त हो गया। कुवैत एयरपोर्ट भी इससे अछूता नही […]
मार्च 27th, 2011 | Posted in आपबीती | 6 Comments
Tweet कितने हसीन थे वो दिन, जब भाई अपनी खुजली मिटाने के लिए लम्बे लम्बे ब्लॉग लिखा करते, तुरत फुरत उसे पब्लिश करते, फिर चैट पर बैठकर, हर दूसरे बन्दे को लिंक टिकाते। बात यहीं तक सीमित नही रहती, बल्कि लिंक टिकाने के एक घंटे बाद चैट पर तगादा करते, कि पोस्ट समझ मे आई? […]
फरवरी 24th, 2011 | Posted in आपबीती | 16 Comments