Archive for 2004
Tweet क्या आपको काम की ज्यादा टेन्शन है? क्या आपको आपका बास बहुत परेशान करता है ? क्या आप किसी और घरेलू समस्या से परेशान है? ऐसे कई सवाल हो सकते है, लेकिन इनका नया और निराला जवाब है डैमेज थैरेपी यानि तोड़फोड़ कीजिये और अपने तनाव से मुक्ति पाइये. मै कोई मजाक नही कर […]
नवम्बर 24th, 2004 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet पाकिस्तान के मशहूर शायर, अहमद फराज साहब, जिन्होने एक से बढकर एक गजले लिखी है, को सरकारी मकान से बेदखल कर दिया गया है, और उनके घर का सामान सड़क पर फेंक दिया गया है. अहमद फराज साहब जो इस समय लन्दन के दौरे पर है, ने बीबीसी को बताया कि “यह भौंडे तरीके […]
नवम्बर 24th, 2004 | Posted in विविध | No Comments
Tweet अपने दिल के हाल सुनाने से पहले मेरे को कैफी आजमी साहब का एक शेर याद आ रहा हैः बस इक झिझक है यही,हाल ए दिल सुनाने मे, कि तेरा भी जिक्र आयेगा इस फसाने मे अब का बताया जाय… बहुत दिनो से लिखने की सोच रहे थे, लेकिन क्या करे की लिखने का […]
नवम्बर 23rd, 2004 | Posted in आपबीती | 1 Comment
Tweet और लो भाई, भारतीय क्रिकेट टीम जो दक्षिण अफ्रीकी टीम को हल्का समझ रही थी, सोच रही थी कि नये खिलाड़ियो से बनी टीम को अपने देश मे हराना आसान रहेगा. साथ ही भारत का मीडिया जगत भी इस सीरीज को भारतीय टीम की टेस्ट रेंकिग को ठीक करने का माध्यम बता रहे थे, […]
नवम्बर 21st, 2004 | Posted in Uncategorized | 3 Comments
Tweet चलो भाई,आखिर इतने सालो बाद कानपुर मे टेस्ट मैच हो रहा है, बहुत खुशी की बात है, और मेरी सहानुभूति गेट पर खड़े सुरक्षाकर्मियों से है, बेचारे सुबह सुबह तो बड़े चौकस रहते है, लेकिन धीरे धीरे थकने लगते है, और मुफ्तखोर अन्दर प्रवेश पा लेते है. क्रिकेट के मुत्तालिक कानपुर की कुछ परम्पराये […]
नवम्बर 19th, 2004 | Posted in Uncategorized | 2 Comments
Tweet अक्षरग्राम अनुगून्ज दूसरा आयोजन कभी कभी मेरे अंग्रेज और अन्य अभारतीय मित्र मेरे से कई तरह के सवाल पूछते है, जैसे हमारी संस्कृति कैसी है, हमारे इतने सारे देवी देवता क्यों है, अगर हम सभी एक जैसे है तो हमारे यहाँ विभिन्न प्रकार की जातिया प्रजातिया क्यों है? वर्ण सिस्टम का क्या महत्व है? […]
नवम्बर 16th, 2004 | Posted in Uncategorized | 22 Comments
Tweet कभी कभी हम चाहते है, कि कोई छोटा सा प्रोग्राम हमारी मर्जी का काम करे, जैसे शहर के ट्रेफिक का हाल,कैलकुलेटर, कन्वरजन टेबिल,मौसम की खबर,घड़ी, दुनिया भर की खबरे जैसी चीज हमारे डेस्कटाप पर हो. ऐसे बहुत से प्रोग्राम मौजूद है, लेकिन इन सबमे परेशानी यह है कि इनको पूरी तरह से कस्टमाइज या […]
नवम्बर 16th, 2004 | Posted in Uncategorized | No Comments
Tweet पिछले कुछ हफ्तो मे हिन्दुस्तान की राजनीति मे बेहद नाटकीय घटनाक्रम हुए… हमने मिर्जा से प्रतिक्रिया चाही, जो अभी अभी ईद मनाकर लौटे है.. देखो बरखुरदार… अपनी साध्वी के दो ही शौक है, रूठना और गुस्सा करना…उमा भारती जो पहले रूठ कर पहाड़ो पर चली गयी थी… आडवानी के अध्यक्ष बनते ही बुलावा मिलने […]
नवम्बर 16th, 2004 | Posted in Uncategorized | No Comments
Tweet सबसे पहले तो सभी पाठको तो ईद मुबारक. आप सभी खुश रहे, आबाद रहे… और आप और आपके परिवार पर अल्लाह की मेहरबानी बरकरार रहे. दोस्त यार पूछते है कि क्या लिखना बन्द कर दिया है.. मिर्जा साहब कहाँ है? क्या छुट्टन ने कोई नयी फिल्म नही देखी आसपास, या फिर छपास पीड़ा खत्म […]
नवम्बर 16th, 2004 | Posted in आपबीती | No Comments
Tweet क्योंकि आज दिवाली है, मैंने भी एक दिया जलाया है। अपने भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक, और दंगे फसाद जैसी मानवीय आपदाओं को झेल खण्ड़हर हुए उजड़े मकान के उखडे उखडे आंगन में भूख, बेकारी और लाचारी के बावजूद, अपने पडौसी से उधार लेकर, एक दिया जलाया है, क्योंकि आज दिवाली है। रोशनी तो […]
नवम्बर 10th, 2004 | Posted in विविध | 1 Comment