Archive for जनवरी, 2005

सौतेला बर्ताव

Tweet भारत सरकार अप्रवासी भारतीयों को क्या समझती है? रोज दूध देने वाली गाय? सोने का अन्डा देने वाली मुर्गी ? या फिर बलि का बकरा? वैसे तो अप्रवासी भारतीयो के लिये ना जाने क्या क्या वादे किये जाते है, उन्हे सर आंखो पर बिठाने का भरोसा दिलाया जाता है, हर साल प्रवासी दिवस का […]

मैं ख़याल हूं किसी और का….

Tweet मैं ख़याल हूं किसी और का, मुझे सोचता कोई और है सर-ए-आईना मेरा अक्स है, पस-ए-आईना कोई और है मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूं, तो किसी के हऱ्फ-ए-दुआ में हूं मैं नसीब हूं किसी और का, मुझे मांगता कोई और है कभी लौट आएं तो न पूछना, सिऱ्फ देखना बड़े गौ़र से जिन्हें […]

अनारा गुप्ता कान्ड की पुनरावृत्ति?

Tweet हम तो सोचे बैठे थे अब इस मुद्दे पर नही लिखेंगे…क्यो? अरे भई सारे अखबारो ने बार बार,लगातार लिखा है,इस पर, लेकिन अब फिर नये मामले सामने आ रहे है, अब लो अपने शहर कानपुर मे ही नया मामला सामने आ गया है. कानपुर शहर की पुलिस ने एक छापा मारकर अश्लील फिल्मे बनाने […]

साफ़ ज़ाहिर है…..

Tweet साफ़ ज़ाहिर है निगाहों से कि हम मरते हैं मुंह से कहते हुए ये बात मगर डरते हैं एक तस्वीर-ए-मुहब्बत है जवानी गोया जिस में रंगों की इवज़ ख़ून-ए-जिगर भरते हैं इवज़:instead of इशरत-ए-रफ़्ता ने जा कर न किया याद हमें इशरत-ए-रफ़्ता को हम याद किया करते हैं इशरत-ए-रफ़्ता:happiness of the days gone by […]

आओ नववर्ष दो हजार पाँच

Tweet आओ नववर्ष दो हजार पाँच, तुम्हारा स्वागत है. मगर याद रखो, तुम्हारे कार्यकाल मे भी यदि होती रही हत्यायें, दुर्घटनाए, लुटती रही बालाए, ललनाए नेताओ की लड़ाई मे मरती रही जनता तो कलंकित हो जाओगे और दो हजार चार की ही तरह सिर झुकाये विदा हो जाओगे. माफ करना साफगोई मेरी आदत है. और […]