Tweet आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आप सभी लोगों से बहुत दिनों बाद मुखातिब हुआ हूँ, क्या करूँ, रोजी रोटी से टाइम मिले तो ही कुछ लिखा जाए। खैर ये सब गिले शिकवे तो चलते ही रहेंगे। चलिये कुछ बात की जाए हमारे आपके बारे में। मै अक्सर दो अपने साथ रखता हूँ, […]
मार्च 14th, 2013 | Posted in आपबीती | 9 Comments
Tweet चलिये आज कुछ बात करते है, आपके अपने प्रॉफ़ेशन की। यदि आप अपने इस कैरियर में न होते तो क्या होते? वैसे तो मैंने पहले भी इस बारे में बात लिखी है, पिछली बाते ताज़ा करने के लिए ये वाला लेख देखिये। तो जनाब शुरू करते है। यदि मैं अपने इस कम्प्युटर सॉफ्टवेर वाले […]
दिसम्बर 9th, 2012 | Posted in आपबीती | 3 Comments
Tweet कल ही इन्टरनेट पर एक शानदार पोस्ट देखी, अंग्रेजी में थी, सोचा चलो हिंदी में लिखकर अपने पाठकों का ज्ञानवर्धन कर दें. यह लेख उन दारूबाजों को समर्पित है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दारु को समर्पित कर रखी है. ऐसा अक्सर देखा जाता है कि लोग दो तीन पैग पीने के बाद अजीब […]
सितम्बर 28th, 2012 | Posted in विविध | 12 Comments
Tweet आप हर दूसरे वाक्य में चू*या शब्द का प्रयोग करते हैं। आप शॉपिंग माल में चुपचाप पैसे देकर आ जाते हैं, लेकिन रिक्शे वाले से अठन्नी के लिए झगड़ा करते हैं। आप बिना मांगे और बेवजह अपनी राय देते हैं। खासकर, जब कभी आप ट्रेन में सफर कर रहे हों। आपके शब्दकोश में गालियों […]
अप्रैल 18th, 2012 | Posted in आपबीती | 8 Comments
Tweet सोशल नैटवर्किंग ने हमारी लाइफ़ को किस तरह से बदल दिया है, इसकी एक बानगी देखिए : मालकिन (नौकरानी से) : कांता बाई! तुम तीन दिन काम पर नही आई,क्या बात है? नौकरानी : मेमसाब! मैने तो फेसबुक पर अपना स्टेटस अपडेट कर दिया था कि तीन दिनो के लिए गाँव जा रही हूँ, […]
जनवरी 24th, 2011 | Posted in विविध | 4 Comments
Tweet अक्सर हमारे जीवन मे कुछ ऐसी बाते घटती है, कि हम सोचने पर मजबूर हो जाते है कि ऐसा क्यों होता है। लीजिए पेश है कुछ ऐसी घटनाएं। अक्सर ऐसा क्यों होता है जब… आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी फोन की घंटी बजती है। अगर पेंच कसते समय, […]
मार्च 18th, 2010 | Posted in विविध | 7 Comments
Tweet क्या आप दिल्ली से है? यदि हाँ तो आइए जरा आपका लिटमस टेस्ट कर लेते है। हमारे पास एक झकास ’जुगाड़’ है जिससे हमे पता चल जाएगा कि आप कितने प्रतिशत दिल्ली के है। पहले एक डिस्क्लेमर : ये एक इमेल मे मुझको मिला था, मेरा इस पर कोई कॉपीराइट नही है। तो आइए […]
मार्च 4th, 2010 | Posted in विविध | 7 Comments
Tweet भाई आप लोग कुछ गलत सलत ना समझें। आज हिन्दी जगत के लोकप्रिय ब्लॉगर श्री , जनाब भाई समीर लाल ’उड़नतश्तरी’ कनाडे वाले का जन्मदिन है। समीर भाई हिन्दी ब्लॉगजगत के सबसे भारी भरकम ब्लॉगरों मे से है, यकीन ना आए तो वजन कराकर देख लो। समीर भाई को लोग टिप्पणी सम्राट भी कहते […]
जुलाई 29th, 2009 | Posted in विविध | 16 Comments
Tweet आप लोग पूछेंगे ठलुआ क्या होता है? ठलुवा बहुत विस्तृत शब्द है, ठलुआ मतलब बिना काम काज वाला बन्दा। वैसे तो अपने हिन्दी ब्लॉगजगत मे भी ठलुआ ब्लॉगर हुए है, जो बड़े शान से अपने आप को ठलुआ कहलाते है, ये बात और है कि अपने (ब्लॉग के) नाम के अनुरुप, व्यवहार नही कर […]
जुलाई 18th, 2009 | Posted in आपबीती | 19 Comments
Tweet बहुत दिनो से कोई खेला नही खेला था, टैगिंग भी बन्द है, ब्लॉगिंग तो बहुत दूर हो गयी। तो आजकल हम कर क्या रहे है? अरे भई, ऑफिस के काम से थोड़ा समय मिलता है तो कभी कभी माइक्रो ब्लॉगिंग (एक लाइना) कर लेते है। आपको देखना है तो इधर देख लेना, भाषा की […]
अप्रैल 30th, 2009 | Posted in विविध | 12 Comments