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Tweet कोई भी देश परफ़ेक्ट नही होता, उसे परफैक्ट बनाना पड़ता है। अभावों, सरकार की अक्षमता, परेशानियो, महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध और ट्रैफिक समस्याओं का रोना तो हर कोई रो लेता है, लेकिन पहल करने के लिए पहला कदम कोई नही उठाता ।इस विज्ञापन ने दिल जीत लिया। आइए इस विज्ञापन से प्रेरणा ले और बदले […]
मार्च 15th, 2008 | Posted in Uncategorized | 8 Comments
Tweet एल्लो जी। लोग कला/पर्यावरण और कुछ अनूठा करने के नाम पर अक्सर कपड़े उतारने को आतुर दिखाई देतेहै । अभी कुछ दिन पहले सुना था कि एक फोटोग्राफ़र ने हजारों लोगों के कपड़े उतरवा दिए थे। लोग तो इतने आतुर थे कि फोटोग्राफ़र के जाने के बाद भी कपड़े उतारे उतारे घूमते रहे, ये […]
फरवरी 1st, 2008 | Posted in Uncategorized | 4 Comments
Tweet आप लोग भी सोच रहे होगे कि ये मेरे को क्या हो गया, अचानक ही मै मराठी मे क्यों बोलने लगा। अरे भाई मौका मराठी मे बोलने का ही है ना। क्योंकि आज ही हमारे इलेक्ट्रानिक मीडिया के मित्रों को एक नही, दो नही, बल्कि तीन तीन पद्यश्री सम्मानों से नवाजा गया है। सीएनएन […]
जनवरी 25th, 2008 | Posted in Uncategorized | 2 Comments
Tweet अब क्या बताएं, आजकल इत्ती भयंकर सर्दी मे भी कुछ लोगों को गर्मी ज्यादा चढ गयी दिख्खे है। तभी तो ऐसी ऐसी हरकते हो रही है। हमे तो लगता है कि है विदेशियों के साथ छेड़छाड़, बलात्कार और अभद्रता का सीजन सा चल रहा है। अभी पिछले दिनो पुष्कर मे एक विदेशी महिला […]
जनवरी 20th, 2008 | Posted in Uncategorized | 2 Comments
Tweet Technorati Tags: IIT,आई आई टी,दिवालियापन आज एक समाचार पढकर काफी दुख हुआ, कि देश को बेशुमार इंजीनियर्स देने वाली भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (IIT) दिवालिएपन के कगार पर है। इन संस्थानों के पास इतना पैसा नही कि अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। दरअसल इन संस्थानों की सरकारी सहायता मिला करती थी, जो धीरे धीरे […]
जनवरी 19th, 2008 | Posted in Uncategorized | 2 Comments
Tweet इस साल की शुरुवात मुम्बई के लिए अच्छी नही रही। 31 दिसम्बर की रात/1 जनवरी की सुबह (लगभग 1:45 पर), मुम्बई मे कुछ दरिंदों ने मुम्बई को शर्मसार कर दिया। अमरीका से आए एक एनआरआई परिवार की महिलाओं के साथ लगभग 70-80 लोगों के हजूम ने बदसलूकी की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश […]
जनवरी 3rd, 2008 | Posted in Uncategorized | 6 Comments
Tweet कुछ साल पहले जब हम भारत जाकर वहाँ के संगी साथियों को डीटीएच के बारे मे बताते और ये बताते कि हमारे टीवी पर दो हजार से कुछ ज्यादा टीवी चैनल आते है तो वे लोग विश्वास नही करते थे। वे इसको सरासर गप्प मानते थे। लेकिन ये तो भला हो जीटीवी वालों का […]
दिसम्बर 12th, 2007 | Posted in Uncategorized | 4 Comments
Tweet अरे सुकुल सुने हो… इ देवगौड़ा तो फिर फिसल गया, अब बोलता है हम समर्थन ना देंगे। हमको तो उसी दिन शक हो गया था जिस दिन देवगौड़ा शपथ समारोह मे नही आया। हम तो आडवानी को उसी दिन बोले थे कि ये देखो ये पंगेबाज (अपना वाला नही, कर्नाटक वाला) आज नही आया, […]
नवम्बर 19th, 2007 | Posted in Uncategorized | 5 Comments
Tweet क्या आपके द्वारा लिखे गए ब्लॉग सामग्री के लिए आपके प्यारे एग्रीगेटर जैसे नारद, हिन्दीब्लॉग्स, चिट्ठाजगत अथवा ब्लॉगवाणी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? क्या आपके द्वारा लिखे गलत सलत कंटेन्ट की वजह से किसी भी एग्रीगेटर को कटघरे मे खड़ा किया जा सकता है? निश्चय ही आपका जवाब होगा नही, कतई नही। एग्रीगेटर […]
नवम्बर 4th, 2007 | Posted in Uncategorized | 7 Comments
Tweet बचपन मे हम क्रिकेट खेलते तो येन केन प्रकारेण पहले बैटिंग करने की कोशिश करते थे, कि क्या पता बाद मे बैटिंग मिले ना मिले। अब बचपन की यादों को हमने फिर से ताजा किया कर्नाटक राज्य मे बीजेपी और जेडीयू की बीच की उठापटक, ये एकदम बचपन की बैटिंग/फील्डिंग वाली कहानी है। अच्छा […]
अक्तुबर 6th, 2007 | Posted in Uncategorized | 6 Comments