Archive for जनवरी, 2005

मेरा हिन्दी प्रेम

Tweet लोग मुझसे पूछते है कि आपको हिन्दी से इतना प्रेम क्यों है? अपने देश मे ही जब लोग हिन्दी को लात मारकर अंग्रेजी मे बोलना अपना शान समझते है, हिन्दी मे बोलने वाले को पिछड़ा समझा जाता है. अंग्रेजी मे बोलने वाले को ज्यादा सम्मान दिया जाता है, फिर आप क्यो हिन्दी के झन्डे […]

अपने ब्लाग पर अपनी आवाज कैसे डाले.

Tweet सबसे पहले तो मै यह स्पष्ट कर दूँ कि अपने ब्लाग पर आवाज डालने के लिये आपको किसी ना किसी सर्वर पर कुछ वैब स्पेस चाहिये होगा, जहाँ पर आप अपनी आवाज वाली फाइल स्टोर करेंगे. यह सर्वर कंही पर भी हो सकता है. उसके बाद आप यहाँ http://audacity.sf.net से यह साफ्टवेयर डाउनलोड कर […]

लालू और नितीश का वाकयुद्द

Tweet अभी कल ही स्टार न्यूज चैनल के सौजन्य से लालू और नितीश का वाकयुद्द देखने का हसीन मौका मिला. दोनो ही महारथी है, लालू वाकयुद्द मे पारंगत है तो नितीश कुमार शान्त रहते हुए फुलझड़ियां छोड़ने मे माहिर है. दोनो ही एक ही माहौल मे पले बढे,दोनो ने ही राजनीति की शुरुवात जेपी आन्दोलन […]

ढोढा

Tweet जब भी कोई हिन्दुस्तान से आता है और पूछता है कि तुम्हारे लिये क्या लाऊँ…..कोई बोलता है ये ले आओ वो ले आओ….हमारे मिर्जा साहब को तो काजू कतली बहुत अच्छी लगती है, ऐसा नही है कि कुवैत मे नही मिलती लेकिन हिन्दुस्तान की तो बात ही कुछ और है. लेकिन मेरे साथ मामला […]

इन्टरनेट पर हिन्दी मे समाचार स्थल

Tweet अक्सर मित्रगण वैब पर हिन्दी मे समाचारो के अभाव का रोना रोते है, जबकि ऐसा नही है, हिन्दी मे काफी जगहो पर समाचार मौजूद है, बस जरूरत है थोड़ा खंगालने की. ऐसे ही कुछ स्थानो का मै जिक्र करना चाहूँगा. बीबीसी हिन्दी Address : http://www.bbchindi.com मेरा पहला पन्ना, सुबह सुबह बीबीसी हिन्दी देखे बिना, […]

धीरे धीरे खत्म होती लोककलायें

Tweet नौटंकी का बदला स्वरूप अभी बीबीसी पर यह रिपोर्ट पढी, पढकर काफी दुःख हुआ, कि भारतीय लोककला नौटंकी,अपना स्वरूप खो रही है और अश्लीलता की तरफ बहुत तेजी से बढ रही है. और तो और इसके वजूद पर ही अब सवालिया निशान है. ना जाने कितने अच्छे नौटंकी कलाकारो ने अपने बच्चों को इस […]

लोहड़ी की रात

Tweet आप सभी को लोहड़ी, मकर संक्रान्ति और पोंगल की बहुत बहुत शुभकामनायें. सुबह सुबह श्रीमतीजी ने लकड़िया अरैन्ज करने का आदेश दिया, अब सारा दिन तो निकल गया आफिस मे लकड़िया का खाक अरैन्ज करते. शाम होते होते पारा चढते देख, हम भी होंश मे आये, अगल बगल पूछा, लोग बाग हैरान हो रहे […]

मुझको यक़ीं है….

Tweet मुझको यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं जब मेरे बचपन के दिन थे चांद में परियां रहती थीं इक ये दिन जब अपनों ने भी हमसे रिश्ता तोड़ लिया इक वो दिन जब पेड़ की शाख़ें बोझ हमारा सहती थीं इक ये दिन जब लाखों गम़ और काल पड़ा है […]

कटिंग चाय

Tweet मै वैसे तो इन्टरनेट पर गाने कम ही सुनता हूँ, लेकिन हमारे यहाँ कुवैत मे नये एलबम, रिलीज होने मे काफी वक्त लगता है, तो कभी कभी नये म्यूजिक एलबम के लिये इन्टरनेट खंगालना पड़ता ही है. इसी खंगालने के चक्कर मे मैने एक अच्छा इन्डीपाप एलबम देखा…”कटिंग चाय” जी हाँ, इसमे गाने नये […]

राष्ट्रीय गान से छेड़छाड़

Tweet कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है.अभी कुछ दिन पहले किसी साहबान ने जनहित याचिका दायर की है कि हमारे राष्ट्रीय गान “जन गण मन” मे से “सिन्ध” शब्द हटाकर इसमे “काश्मीर” शब्द जोड़ दिया जाना चाहिये, क्योंकि सिन्ध अब भारत का हिस्सा नही है. इसके पक्ष और विपक्ष मे कई लोगो […]