आसमान से गिरे खजूर मे अटके

आसमान से गिरे खजूर मे अटके

अब क़्या बताया जाय…. पहले तो भाई लोगों को टिप्पणी करने मे परेशानी हो रही थी, उसको सुलझाने के लिये स्पैम कर्मा की शरण मे गयें तो पता चला, कि ये स्पैम कर्मा वालों ने नया प्रोग्राम बनाया है, इसलिये पुराने वाले वर्जन की जगह नये वाले को स्थापित करें. अब नया वर्जन बहुत ऎंठू था, बोला कि कि वर्डप्रेस के 1.5.1 या आगे के वर्जन पर काम करूँगा, मरता ना क्या करता, उसे भी लगाना पड़ा (रमण भा‍ई देख लीजियेगा कि “ड़” सही लगा है कि नही), यहाँ तक तो सब ठीक ठाक था, लेकिन अब पंगा ये है कि सारी कमेन्ट करने वालो को वर्डप्रेस “अज्ञात” के नाम से संचित कर रहा है. वर्डप्रेस वालो को भी FIR कर दिया हूँ, कौनो ख़बर नही, अब तक. किसी भाई के पास कोई समाधान हो तो बतायें.

इसलिये कमेन्ट करने वाले भाइयों से निवेदन है कि कमेन्ट में अपना नाम अवश्य लिखें.
नोट: ब्लाग बन्द करने की सलाह देने वाले लोग सावधान रहे, कमेन्ट लिखते ही करैन्ट लगने का ख़तरा है.

3 Responses to “आसमान से गिरे खजूर मे अटके”

  1. Put this
    image on the left and right side of your bolg!

  2. “ड़” तो सही लगा है, पर “ऎंठू” का “ऐ” ऐंठ गया है। (पर अब क्या फायदा, सारी प्रूफ-रीडरी तो धरी रह गई) 🙂
    – रमण

  3. jeetu ji apaki upasthiti is jaal ghar me sabake liye prerana dene vali he. aap jaal ghar ke liye kaafi accha kam kar rahe henn
    bahdiyyaan

    rati