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किस्से पतंगबाजी के

Tweet बहुत दिनो से अतुल और शुकुल डन्डा किए थे, पुराने वादे पूरे करो, पुराने लेखों मे जहाँ जहाँ वादा किए हो वहाँ का लिख-लिखाकर अपने वादे पूरे करो। पिछले बार हम जब छत की बात कर रहे थे, तो पतंगबाजी के किस्से छोड़ दिए गए थे, तो जनाब पेश है किस्से पतंगबाजी के। पतंग […]

दीवाली की यादें

Tweet कल धनतेरस थी और आज छोटी दीवाली है, लेकिन हम दीवाली के दिन भी बैठे हुए है आफ़िस मे। अब विदेश मे कहाँ वो दीवाली और कहाँ वो होली, रक्षा बंधन और दशहरा तो इनके फ़रिशतों को भी नही पता होगा। तो जनाब बात हो रही थी, दीवाली की। अभी पिछले दिनो अपने ईस्वामी […]

रिमझिम सावन की बरसती यादें

Tweet बचपन मे गर्मियों की छुट्टियाँ खत्म होते ही स्कूल जाने के नाम से हम सबको यानि वानर सेना को बुखार आ जाता था. लेकिन मन को समझाना पड़ता था और दिल को दिलासा दिया जाता कि चिन्ता मत करो, जल्द ही अगस्त आने वाला है. अगस्त का महीना, तीज त्योहारों का महीना होता है, […]

गुजरा हुआ ज़माना

Tweet पुराने जमाने मे जिन लोगों के पास रेडियो हुआ करता था, वो अपने घर के बाहर एक जाली वाला तार टाँगा करते थे, अब ये बैटर रिसेप्शन के लिये था या फिर दिखावा, मेरे को नही पता. लेकिन जिनके घर की बालकनी या आंगन मे जाली वाला तार टंगा रहता था, उनको लोग बड़ा […]

सातवीं अनुगूंज – बचपन के मीत

Tweet सातवीं अनुगूंज – बचपन के मीत अब सबसे पहले तो ठलुवानरेश इन्द्र भाई का धन्यवाद, जो अतीत की यादों के पन्नों को फिर से खोलने का मौका दिया.वैसे तो मै समय समय पर आपको अपने बचपन की मोहल्ला पुराण सुनाता ही रहता हूँ, फिर भी अब जब छेड़ ही दिया गया है तो हम […]

फाल्गुन आयो रे….भाग दो

Tweet होली का हुड़दंग गतांक से आगे होली वाले दिन सुबह सुबह ही लाउडस्पीकर पूरे वाल्यूम मे होली के घिसे पिटे गीत बजाता, हम लोग गेरूवा रंग घोलते और हर आने जाने वाले पर रंग डालते, मजाल है कोई बिना पुते निकल जाये हमारी गली से. ना जाने कितनी टोलियाँ आती जाती, कभी कभी झगड़ा […]

फाल्गुन आयो रे….

Tweet होली कब है? अरे नही नही भई, यहाँ कोई गब्बर सिंह और सांभा के बीच वार्तालाप नही हो रहा है, ये तो अपने मोहल्ले की यादे ताजा की जा रही है.जनवरी के जाते जाते ये संवाद तो हम लोगो का तकिया कलाम बन जाता था. नये साल की खुशिया मनाने के साथ ही होली […]

गप्प सुनो भाई गप्प

Tweet बात उन दिनो की है, जब मुम्बई को बम्बई के नाम से ही जाना जाता था. काफी साल पुरानी बात है, कि हमारे एक रिश्तेदार बम्बई से कानपुर किसी शादी मे पधारे… तब मोहल्ले मे किसी के घर भी आया मेहमान, सबका मेहमान होता था, काफी आवभगत होती थी. लोग हालचाल पूछने आते थे, […]

बउवा पुराण:भाग दो

Tweet रोशनी के दिल मे बउवा के प्रति प्यार फिर से उमड़ने लगा……लेकिन पहलवान के डर से कुछ लिख नही पा रही थी…….बस सही समय था….तो हम लोगो ने रोशनी की तरफ से बउवा को एक प्रेम पत्र लिखा…..जिसका मसौदा कुछ इस प्रकार था……………… ‍‍‍‍‍‍गतांक से आगे. मेरे प्रिय भोलेराम, जब से तुमको देखा है, […]

बउवा पुराण

Tweet उस दिन की घटना के बाद वर्माजी ने बउवा को अपने घर पर रख तो लिया लेकिन उस बार ढेर सारी पाबन्दियां लगा दी….. साथ ही ये भी ताकीद कर दी कि मोहल्ले के लड़कों से ना उलझे और किसी भी तरह से पहलवान के घर की तरफ ना जाये. अब यहाँ पर पहलवान […]