असुविधा के लिए खेद

कल रात से मेरा पन्ना या jitu.info की कोई भी साइट नही खुल रही थी। समस्या बहुत विकट थी, क्योंकि मेरा पन्ना पर रोजाना के हिट्स ३०० से ऊपर होते है, ये सभी हमारे पाठक गण होते है। उनमे से कई लोगों ने हमसे पूछा, हम भी हैरान परेशान कि क्या समस्या है। उधर स्पैमर भी परेशान थे, जो रोजाना लगभग २००० स्पैम कमेन्ट हमारे यहाँ फैंकते है। हमने होस्टिंग वाले को गरियाया तो उन्होने ये जवाब दिया:

Dear LinkSky Customer,
Subject: Re: Why jitu.info is down?

We should have things back up within the hour or so.

There was a hard drive failure on this server earlier today, and we are in the process of restoring everything now.

Sorry for the problem and thanks for your patience.

— Joseph Maas, support management, LinkSky

हम भी अपनी साइट को लगभग १८ घन्टे बाद ही खोल पाए है। खोलने पर पाया कि हम एक पोस्ट और लगभग १६ टिप्पणियाँ गवाँ बैठे है, क्योंकि पिछले बैक-अप मे वो मौजूद नही थी। खैर अब क्या हो सकता है। साइट वापस आ गयी, यही क्या कम है।
इसलिए आप सभी से क्षमा-याचना करता हूँ। वैसे हम अकेले नही थे, डाउन होने वाले, ईस्वामी, फुरसतिया और हिन्दिनी भी हमारे साथ डाउन थे, क्योंकि हम सभी एक ही होस्टिंग वाले के ग्राहक है।

छुट्टी की सूचना : अरे हाँ, हम परिवार सहित छुट्टियाँ मनाने, दुबई की ओर जा रहे है। इसलिए मेरा पन्ना ७ दिसम्बर से लेकर १२ दिसम्बर तक अपडेट नही होगा। चैनल फ़ुल्ली फालती वाली सुंदरी की स्टोरी को नीरज भाई ने आगे बढाया है, और संजय भाई उसका अगला भाग लिखने के लिए तैयार है। वैसे मैने स्टोरी का पहला भाग, बुनो कहानी पर भी डाल दिया है। जिस जनाब के मन मे आए, अगले भाग के लिए हाथ आजमा ले। बाकी हम तो लौटकर सुनाएंगे ही।

एक बार फिर से आपके प्यार, दुलार और प्रोत्साहन का धन्यवाद। आशा है आप मेरा पन्ना को यूं ही सहयोग देते रहेंगे। तो फिर मिलते है, १२ तारीख को, कुछ नयी ताजी जानकारियों के साथ।मेरा पन्ना जल्द ही हाजिर होगा, वही मसालेदार, चटपटे लेखों के साथ, इन्तजार कीजिए।

5 Responses to “असुविधा के लिए खेद”

  1. छुट्टियाँ आनंदमय होने की शुभकामनाँए,

  2. बड़ी मुश्किल से आपकी पहले वाली दोनों पोस्ट पढ़ी , मजा आया मगर वहां टिप्पणी लिखने के सभी प्रयास बेकार चले गये।

  3. भैया बहुत दिनों बाद आपके मुहल्ले में आया तो देखा इत्ती सारी हरियाली है – अमाँ कहां चले गये, १२ तारीख तो कबकी बीत गयी..और घासीराम की भैंस अभी तक वापस नहीं आई – भाई पूरा मुहल्ला दूध के लिये तरस गया है। और दुबई की फ़ोटू इहाँ ज़रूर लगाएं।

  4. हलवाइ का दूकान on दिसम्बर 18th, 2006 at 8:18 am

    जितु भाइ, आप का काम धन्धा क्या है? लगता है आप इन्टरनेट में यह सब लिखने के अलावा कुछ नहीं करते । अब छुट्टियां मनानी हो तो यहां सब को बोलने को क्या जरूरत है? क्या साइट विजिट करने वाले आपके आफिस का बोस है? बात बात में अ्अँ हुजुर करना? यह क्या लगा रखा है? अरे मुझे मालूम चला की आप दिल के काफि संगीन मरिज हैं । अरे बाबा सुबह जल्दी उठिये और रामदेव बाबा का प्राणायाम करिये और अपने यह क्या नाम है, इन्टरनेट के पन्ने में भी प्राणायाम के बारे में लिख डालिये । बेमतलब का बकबक मत करिये । अब देखिये न रचना बजाजजी को, कितनी अच्छी कवितायें लिख लेती हैं वह। सीख क्यों नहीं लेते आप उनसे?

  5. हलवाइ का दूकान on दिसम्बर 18th, 2006 at 8:20 am

    जितु भाइ, बेमतलब का बकबक मत करिये । अब देखिये न रचना बजाजजी को, कितनी अच्छी कवितायें लिख लेती हैं वह। सीख क्यों नहीं लेते आप उनसे?